71 Part
250 times read
17 Liked
मुक्तक गौरैया को देखकर, होता यह आभास, लगी प्यास इसको बहुत,इससे दिखे उदास। पानी की दरकार है,चहुँ-दिश नीर-अभाव, सूरज ऊपर तप रहा, कैसे मिले उजास?? पर्यावरण-सुधार से, जल-संकट हो दूर, वन-संरक्षण ...